आरोह-अवरोह
सा रे म प नि सा' -
सा' नि१ प म रे सा ;
स्वर लिपि
स्वर गंधार व धैवत वर्ज्य। निषाद दोनों। शेष शुद्ध स्वर।
जाति औढव - औढव
थाट काफी
वादी/संवादी रिषभ/पंचम
समय मध्यान्ह
विश्रांति स्थान सा; रे; प; नि; - सा'; प; रे;
मुख्य अंग रे म ; प रे ; म रे ,नि सा ; म प ,नि१ प म रे ,नि सा ;
Raag Sarang (Brindavani Sarang)
Swar Notations
Swaras Gandhar and Dhaivat Varjya, Both Nishads. Rest all Shuddha Swaras.
Jati Audhav-Audhav
Thaat Kafi
Vadi/Samvadi Rishabh/Pancham
Time Afternoon
Vishranti Sthan S; R; P; N; - S'; P; R;
Mukhya-Ang R m ; P R ; m R ,N S ; m P n P m R ,N S ;