आरोह-अवरोह
सा ग रे म ग ध प नि ध सा'; या ,नि सा ग रे म ग ; प म् ध म् प सा' -
सा' नि ध प म् प ध प ग रे म ग प रे सा; या सा' नि ध प म् प म ग ; म ग रे म ग प रे सा;
स्वर लिपि
स्वर मध्यम दोनों। शेष शुद्ध स्वर।
जाति सम्पूर्ण - सम्पूर्ण वक्र
थाट कल्याण
वादी/संवादी गंधार/धैवत
समय दिन का तीसरा प्रहर
विश्रांति स्थान ग; प; सा'; - सा'; प; ग;
मुख्य अंग सा ग रे म ग प रे सा ; म ग प ; ध प सा' ; सा' ध प म ग ; ग रे म ग प रे सा;
Raag Gaud Sarang
Swar Notations
Swaras Both Madhyams. Rest all Shuddha Swaras.
Jati Sampurna - Sampurna Vakra
Thaat Kalyan
Vadi/Samvadi Gandhar/Dhaivat
Time (12 PM - 3 PM): 3rd Prahar of the Day: Din ka Tritiya Prahar
Vishranti Sthan G; P; S'; - S'; P; G;
Mukhya-Ang S G R m G P R S ; m G P ; D P S' ; S' D P m G ; G R m G P R S ;