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राग बिहाग Raag Bihag

आरोह-अवरोह

सा ग म प नि सा' 

सा' नि धप म् प ग म ग रेसा , सा' नि ध प म् ग म ग रे सा;


स्वर लिपि

स्वर आरोह में रिषभ और धैवत वर्ज्य। मध्यम दोनों। शेष शुद्ध स्वर।

जाति औढव - सम्पूर्ण वक्र

थाट कल्याण

वादी/संवादी गंधार/निषाद

समय रात्रि का दूसरा प्रहर

विश्रांति स्थान सा; ग; प; नि; - सा'; नि; प; ग;

मुख्य अंग ,नि सा ग ; ग म ग ; प म् प ग म ग ; प म् ग म ग रे सा;



Raag Bihag

Swar Notations

Swaras Rishabh and Dhaivat forbidden (Varjya) in Aaroh, Both Madhyam. Rest all Shuddha Swaras.

Jati Audhav-Sampurna Vakra

Thaat Kalyan

Vadi/Samvadi Gandhar/Nishad

Time (9 PM - 12 AM): 2nd Prahar of the Night : Ratri ka Dwitiya Prahar

Vishranti Sthan S; G; P; N; - S'; N; P; G;

Mukhya-Ang ,N S G ; G m G ; P M P G m G ; P M G m G R S;

Aaroh-Avroh S G m P N S' - S' N DP M P G m G RS, S' N D P M G m G R S;