आरोह-अवरोह
सा ग म प नि सा'
सा' नि धप म् प ग म ग रेसा , सा' नि ध प म् ग म ग रे सा;
स्वर लिपि
स्वर आरोह में रिषभ और धैवत वर्ज्य। मध्यम दोनों। शेष शुद्ध स्वर।
जाति औढव - सम्पूर्ण वक्र
थाट कल्याण
वादी/संवादी गंधार/निषाद
समय रात्रि का दूसरा प्रहर
विश्रांति स्थान सा; ग; प; नि; - सा'; नि; प; ग;
मुख्य अंग ,नि सा ग ; ग म ग ; प म् प ग म ग ; प म् ग म ग रे सा;
Raag Bihag
Swar Notations
Swaras Rishabh and Dhaivat forbidden (Varjya) in Aaroh, Both Madhyam. Rest all Shuddha Swaras.
Jati Audhav-Sampurna Vakra
Thaat Kalyan
Vadi/Samvadi Gandhar/Nishad
Time (9 PM - 12 AM): 2nd Prahar of the Night : Ratri ka Dwitiya Prahar
Vishranti Sthan S; G; P; N; - S'; N; P; G;
Mukhya-Ang ,N S G ; G m G ; P M P G m G ; P M G m G R S;
Aaroh-Avroh S G m P N S' - S' N DP M P G m G RS, S' N D P M G m G R S;