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राग जयजयवन्ती | Raag Jaijaivanti

आरोह-अवरोह
सा ,ध ,नि१ रे s ; रे ग१ रे सा ; ग प म ग रे ; रे म प नि सा' - 
सा' नि१ ध प म ग रे ग१ रे सा ; ,नि सा ,ध ,नि१ रे सा;


स्वर लिपि
स्वर आरोह में गंधार व धैवत वर्ज्य। निषाद व गंधार दोनों। शेष शुद्ध स्वर।
जाति औढव - सम्पूर्ण वक्र
थाट काफी
वादी/संवादी रिषभ/पंचम
समय रात्री का दूसरा प्रहर
विश्रांति स्थान सा रे प नि - सा' प रे
मुख्य अंग ,ध ,नि१ रे s ; रे ग१ रे सा ; ,नि सा ; रे म प नि ; नि१ ध प ;

Raag Jaijaivanti
Swar Notations
Swaras Gandhar & Dhaivat Varjya in Aaroh, Both Gandhars & Both Nishads. Rest all Shuddha Swaras.
Jati Audhav-Sampurna Vakra
Thaat Kafi
Vadi/Samvadi Rishabh/Pancham
Time (9PM - 12 AM) : 2nd Prahar of the night : Ratri ka Dwitiya Prahar
Vishranti Sthan S R P N - S' P R
Mukhya-Ang ,D,n R ; R g R S ; ,N S ; R m P N ; n D P

Aaroh-Avroh S ,D ,n R; R g R S; G m P m G R ; R m P N S' - S' n D P m G R g R S; ,N S ,D ,n R S;